अक्षय कुमार सहित ये बॉलीवुड सितारे भी हैं विदेशी, नहीं है भारत की नागरिकता

Mohit
0

बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार और उनकी विदेशी नागरिकता पर हो रहे विवादों से तो आप सभी वाकिफ होंगे। अब अक्षय ने अपनी कनाडा की नागरिकता छोड़ने का फैसला भी कर लिया है और भारत के पासपोर्ट के लिए अप्लाई भी कर दिया है, लेकिन क्या आपको मालूम है अक्षय ही नहीं बल्कि कई और भारतीय सितारे भी विदेशी है, आइए जानते हैं इस बारे में:-दीपिका पादुकोणहालांकि दीपिका पादुकोण बेंगलुरु की रहने वाली हैं, लेकिन वह कोपेनहेगन, डेनमार्क में पैदा हुई थी और एक डेनिश पासपोर्ट रखती हैं। आलिया भट्टआलिया भट्ट के पास उनकी माँ की वजह से ब्रिटिश पासपोर्ट है, सोनी राजदान ब्रिटिश मूल की हैं।कैटरीना कैफहालांकि कटरीना हांगकांग में पैदा हुई थी, लेकिन कैट के पास एक ब्रिटिश पासपोर्ट है।जैकलीन फर्नांडीजअभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज श्रीलंका की नागरिक हैं, वह मिस श्रीलंका 2006 भी हैं।नरगिस फाखरीरॉकस्टार फ़िल्म की अभिनेत्री के पास एक अमेरिकी पासपोर्ट है और वो अमेरिकी नागरिक हैं।इमरान खानइमरान संयुक्त राज्य अमेरिका का नागरिक है और अगर उन्हें कभी भी अपनी नागरिकता छोड़ने का फैसला किया तो उन्हें दस साल के टैक्स का भुगतान करना होगा।सपना पब्बीसपना पब्बी ने खामोशियां से डेब्यू किया था, अभिनेत्री लंदन की रहने वाली हैं और ब्रिटिश पासपोर्ट रखती हैं।एमी जैक्सनवह रजनीकांत और अक्षय कुमार की फिल्म 2.0 में काम कर चुकी हैं और एक ब्रिटिश पासपोर्ट रखती है।एवलिन शर्माएवलिन को ये जवानी है दीवानी में देखा गया था। अभिनेत्री का जन्म फ्रैंकफर्ट में एक पंजाबी पिता और एक जर्मन मां के से हुआ था। उनके पास जर्मन पासपोर्ट है।बता दें कि विधेयक में बंगलादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताडऩा के कारण देश में शरण लेने वाले गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के साथ साथ असम में अखिल असम छात्र संघ और पूर्वोत्तर राज्यों के अनेक दल तथा सामाजिक संगठन भी विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं।वर्ष 1985 में हुए असम समझौते में अवैध विदेशियों की पहचान के लिए 24 मार्च 1971 की तारीख तय की गयी थी। विधेयक के विरोध के बीच केन्द्र सरकार ने बुधवार को कहा था कि इस विधेयक में सभी संबंधित पक्षों के साथ साथ भारत के हित का भी ख्याल रखा गया है। मंत्रिमंडल द्वारा विधेयक को मंजूरी दिये जाने के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा था, इसमें सभी के तथा भारत के हितों का ख्याल रखा गया है।भारतीय जनता पार्टी ने पहले 2014 में और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में इस विधेयक को पारित कराने का वादा किया था लेकिन यह पिछली बार मंजूरी के बाद लोकसभा भंग होने के साथ निरस्त हो गया। नये विधेयक में पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताडऩा झेलने के कारण मजबूरन यहां शरण लेने आये हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाईयों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन का प्रावधान है। केन्द्र सरकार इस विधेयक पर सहमति बनाने की कोशिश में लगी है और शाह ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा सहित पूर्वोत्तर में सभी संबंधित पक्षों के साथ इस बारे में चर्चा की है।अब हम twitter पर भी उपलब्ध हैं। ताजा एवं बेहतरीन खबरों के लिए Follow करें हमारा पेज : https://twitter.com/dailynews360

from Daily News : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/36tTTdZ

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top